Sunday, 20 November 2011

॥ हरि: शरणम्‌ !॥

Sunday, 20 November 2011
(मार्गशीर्ष कृष्ण दशमी, वि.सं.-२०६८, रविवार)

"Swami Sharnanandji - in the words of Swami Ramsukhdasji"
(गत ब्लागसे आगेका) 
        श्रीशरणानन्दजी महाराज ने कहा कि जो हमारे बिना रह सकता है, उसके बिना हम भी मौज से रह सकते हैं। - 'सीमा के भीतर असीम प्रकाश' पुस्तक से (Page No. 34)

        मेरा भगवान में प्रेम हो जाय। इस एक बात में सबकुछ आ जाएगा। इसमें पुरुषार्थ इतना ही है कि इस बात को भूलें नहीं, केवल याद रखें । ऐसा करोगे तो मैं अपने पर आपकी बड़ी कृपा मानूँगा, एहसान मानूँगा। केवल याद रखना है, इतनी ही बात है। ऊँची-से-ऊँची सिद्धि इससे हो जाएगी । सदा के लिए दुःख मिट जाएगा। कर्मयोग, ज्ञानयोग तथा भक्तियोग - ये तीनों योग सिद्ध हो जाएँगे । केवल अपनी आवश्यकता को याद रखें, भूलें नहीं। यह बात मामूली नहीं है । मुझे किसी ग्रन्थ में यह बात मिली नहीं । स्पष्टरूप से केवल एक जगह सन्तों की (श्रीशरणानन्दजी महाराज) की वाणी में मिली है । शास्त्रों की बात की अपेक्षा अनुभवी सन्तों की बात श्रेष्ठ है । - 'सीमा के भीतर असीम प्रकाश' पुस्तक से (Page No. 85)

        अहम् (मैंपन) के साथ जो जानना होता है, उसमें अभिमान होता है; परन्तु अहम् के बिना जो जानना होता है, उसमें अभिमान नहीं होता । इसे श्रीशरणानन्दजी महाराज ने 'अभिमानशून्य अहम्' कहा है, जो व्यवहार मात्र के लिए होता है । - 'सीमा के भीतर असीम प्रकाश' पुस्तक से (Page No. 132)

        शरणानन्दजी से किसी ने पूछा कि आपका गुरु कौन है ? वे बोले कि जो मेरे से ज्यादा जानता है, वह मेरा गुरु है । फिर पूछा कि आपका चेला कौन है ? जो मेरे से कम जानता है वह मेरा चेला है। - 'सीमा के भीतर असीम प्रकाश' पुस्तक से (Page No. 139)

        " ‘दु:ख का प्रभाव’ एक पुस्तक है शरणानन्दजी की, पढ़ो उसको। शरणानन्दजी की बातें जल्दी समझ में नहीं आतीं। बड़ी विचित्र बातें हैं। उन्होंने कहा है कि मैं एक क्रान्तिकारी संन्यासी हूँ। जितने साधन बताये हैं, सबमें क्रान्ति कर दी, एकदम! ऐसी विचित्र बातें बतायी हैं जो आदमी के कान खुल जायँ, आँख खुल जायँ, होश आ जायँ। - स्वामी श्रीरामसुखदासजी "

" Listen This Discourse In The Voice Of Swami Shri Ramsukhdasji "

- (शेष आगेके ब्लागमें)- "सीमा के भीतर असीम प्रकाश" पुस्तक प्राप्ति स्थान (गीता प्रकाशन, गोरखपुर, Mobile : 09389593845, 07668312429)
Email: radhagovind10@gmail.com
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