ज्ञान
ज्ञान का सर्वोत्तम साधन केवल विचार है | संत पत्रावली १/९३
ज्ञान असत का होता है , प्राप्ति सत की होती है | मानव दर्शन ९५
अल्प ज्ञान का दूसरा नाम अज्ञान है | अज्ञान का अर्थ 'ज्ञान का अभाव' नहीं है | मानव की मांग ६९
अनुभव से पूर्व मान लेना आस्था है, ज्ञान नहीं | विकल्प रहित आस्था ज्ञान के समान प्रतीत होती है | मूक सत्संग ८२
जो साधक अपने ज्ञान का आदर नहीं करता, वह गुरु और ग्रन्थ के ज्ञान का भी आदर नहीं कर सकता | जैसे जो नेत्रों के प्रकाश का उपयोग नहीं करता, वह सूर्य के प्रकाश का भी उपयोग नहीं कर पाता | जीवन दर्शन २५८
अपने प्रति होने वाली बुराईओ का ज्ञान जिस ज्ञान में है, वही ज्ञान मानव का वास्तव में पथ प्रदर्शक है | दर्शन और निति १५१
यह नियम है की जब तक अपना ज्ञान अपने काम नहीं आता, तब तक अन्य के द्वारा सुना हुआ ज्ञान भी जीवन नहीं हो पाता | साधन तत्व २४
संतो का ज्ञान,आपका ज्ञान, और वेदों का ज्ञान इनमे एकता है | संत वाणी ५/१७८
भूल न जानने में नहीं है , प्रत्युत जाने हुए को न मानने में है | चित शुद्धी १९७
कर्म ज्ञान का साधन नहीं होता, बल्कि भोग का दाता होता है | संत समागम १/२१६
ज्ञान का सर्वोत्तम साधन केवल विचार है | संत पत्रावली १/९३
ज्ञान असत का होता है , प्राप्ति सत की होती है | मानव दर्शन ९५
अल्प ज्ञान का दूसरा नाम अज्ञान है | अज्ञान का अर्थ 'ज्ञान का अभाव' नहीं है | मानव की मांग ६९
अनुभव से पूर्व मान लेना आस्था है, ज्ञान नहीं | विकल्प रहित आस्था ज्ञान के समान प्रतीत होती है | मूक सत्संग ८२
जो साधक अपने ज्ञान का आदर नहीं करता, वह गुरु और ग्रन्थ के ज्ञान का भी आदर नहीं कर सकता | जैसे जो नेत्रों के प्रकाश का उपयोग नहीं करता, वह सूर्य के प्रकाश का भी उपयोग नहीं कर पाता | जीवन दर्शन २५८
अपने प्रति होने वाली बुराईओ का ज्ञान जिस ज्ञान में है, वही ज्ञान मानव का वास्तव में पथ प्रदर्शक है | दर्शन और निति १५१
यह नियम है की जब तक अपना ज्ञान अपने काम नहीं आता, तब तक अन्य के द्वारा सुना हुआ ज्ञान भी जीवन नहीं हो पाता | साधन तत्व २४
संतो का ज्ञान,आपका ज्ञान, और वेदों का ज्ञान इनमे एकता है | संत वाणी ५/१७८
भूल न जानने में नहीं है , प्रत्युत जाने हुए को न मानने में है | चित शुद्धी १९७
कर्म ज्ञान का साधन नहीं होता, बल्कि भोग का दाता होता है | संत समागम १/२१६